पंद्रहवाँ पाठ इसी जन्म में, इस जीवन में, हमको तुमको मान मिलेगा। गीतों की खेती करने को, पूरा ¯हदुस्तान मिलेगा। क्लेश जहाँ है, पूफल ख्िालेगा, हमको तुमको त्रान मिलेगा। पूफलों की खेती करने को, पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा। दीप बुझे हैं, जिन आँखों के, उन आँखों को ज्ञान मिलेगा। विद्या की खेती करने को, पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा। मैं कहता हूँ, पिफर कहता हूँ, हमको तुम को प्रान मिलेगा। मोरों सा नतर्न करने को, पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा। μकेदारनाथ अग्रवाल गीतध्85 क्लेश - पीड़ा नतर्न - नृत्य, नाच त्रान - भय के कारण से मुक्ित ज्ञान - जानकारी, जानना 1. कविता से क कवि पूफलों, गीतों और विद्या की खेती क्यों करना चाहता है? ख इसी जन्म में, इस जीवन में, हमको तुमको मान मिलेगा। इसमें किसे मान मिलने की बात कही गइर् है? ग कविता की वुफछ पंक्ितयाँ छाँटकर लिखो जिनसे पता लगता है कि कवि को इस बात पर पूरा भरोसा है कि एक दिन सबको मान मिलेगा। घ कविता में कवि बार - बार मान मिलने की बात करता है। मान मिलने से हमारे - तुम्हारे जीवन में क्या बदलाव आएगा? 2. समझाना नीचे कविता में से वुफछ पंक्ितयाँ दी गइर् हंै। बताओ, इन पंक्ितयों का क्या अथर् हो सकता है? क दीप बुझे हैं जिन आँखों के, उन आँखों को ज्ञान मिलेगा। ख क्लेश जहाँ है, पूफल ख्िालेगा। ग हमको तुमको प्रान मिलेगा। 3. मान - सम्मान क तुम्हें अपने आस - पास यदि लगे कि किसी को सचमुच में आज भी मान - सम्मान नहीं मिला है और उसको तुम मान - सम्मान दिलाना चाहते हो तो उनके नामों की सूची बनाओ। ग अपनी सूची में से किसी एक के बारे में बताओ कि उसे मान - सम्मान वैफसे मिल सकता है? 86ध्दूवार् 4. रिक्त स्थान पूरे करो क लक्की..............की तरह गरजता है। ख सलमा..................की तरह दौड़ती है। ग मेघाश्री की आवाश .....................की तरह मीठी है। घ मनीष के कान .........................की तरह तेश है। 5. इन शब्दों की रचना देखो अनुमान, अपमान ये शब्द ‘मान’ शब्द में ‘अनु’ और ‘अप’ उपसगर् लगाकर बनाए गए हैं। इसी प्रकार तुम भी ‘मान’ शब्द में वुफछ दूसरे उपसगर् लगाकर नए शब्द बनाओ।