
कहानी खोजो इन चित्रों में छिपी है कहानी ! बच्चों को बताएँ कि यह चित्रा महाराष्ट्र की वरली शैली में है। चित्रा की बारीकियों पर ध्यान दिलाते हुए बच्चों से चचार् करें। सुनाओ अपनी - अपनी कहानी ! 3ण् चाँद वाली अम्मा तुम शरारत तो करती ही होगी? कौन - कौन सी शरारत करती हो? इन चीशों का इस्तेमाल तुम कोइर् शरारत करने के लिए वैफसे करोगी? झाड़ू पंख कागश गुब्बारा बहुत समय पहले की बात है। एक बूढ़ी अम्मा थी। बिल्वुफल अकेली! उसका अपना कोइर् न था। घर का कामकाज उसे खुद ही करना पड़ता। सुबह उठकर वुफएँ से पानी लाना, खाना बनाना आदि। उसके साथ एक परेशानी थी। वह रोश सुबह उठकर जब घर में झाड़ू लगाती तब तक अम्मा ने आव देखा न ताव और कसकर एक झाड़ू आसमान को दे मारी। आसमान झट हट गया। पर वह भी अपनी आदत से मजबूर था। दूसरी बार पिफर अम्मा के झुकते ही टक्कर मारने लगा। अम्मा ने पिफर पूरी ताकत से उस पर वार किया। आसमान को शरारत सूझी। इस बार उसने झाड़ू पकड़ ली। उध्र अम्मा भी झाड़ू पकड़े थी। रस्साकशी शुरू हो गइर्। झाड़ू का उफपर वाला हिस्सा आसमान पकड़े हुए था तो नीचे वाला अम्मा, दोनों छोड़ने को तैयार नहीं थे। अम्मा चिल्लाइर् दृ छोड़ मेरा झाडू़ ! मेरे पास एक यही झाड़ है। ूतब भी आसमान ने नहीं छोड़ा। बूढ़ी अम्मा कब तक रस्साकशी करती ...... थक गइर्। आसमान ने झाड़ू खींचना नहीं छोड़ा। अब वह झाड़ू के साथ उफपर उठने लगा। उसके साथ - साथ झाड़ू पकड़े हए अम्मा भी उफपर जाने लगी। वह चिल्लाइर् दृ मुझे नीचे छोड़ दे! आसमान ने कहा दृ अम्मा, अब मैं तुम्हें नहीं ँ छोडू़गा। ले चलूँगा उफपर। वहीं झाड़ू लगाना। 21 अम्मा अब झाड़ू नहीं छोड़ सकती थी, क्योंकि वह बहुत उफपर पहुँच चुकी थी। तभी उसे वहाँ चाँद दिख गया। झट अम्मा ने पैर बढ़ाया और चाँद पर चढ़ गइर्, पर झाड़ू नहीं छोड़ी। आसमान को पिफर शरारत सूझी। उसने सोचा दृ अम्मा तो चाँद पर चढ़ गइर् है। यदि चाँद उसकी मदद करेगा तो मैं हार जाऊँगा। इसे यहीं रहने दूँ। ऐसा सोचकर उसने झाड़ू छोड़ दिया। अम्मा झाड़ू सहित चाँद पर रह गइर्। वह इतनी थक गइर् थी कि झाड़ू पकड़े - पकड़े ही चाँद पर बैठ गइर्। आसमान उफपर चला गया। उस दिन से आज तक बूढ़ी अम्मा झाड़ू पकड़े चाँद पर बैठी है। तारा निगम तुम्हारी कल्पना से ऽ बूढ़ी अम्मा चाँद पर क्यों चढ़ गइर् होगीं? ऽ चाँद वाली अम्मा झाड़ क्यों नहीं छोड़ना चाहती थीं? ू ऽ चित्रों को देखकर बताओ कि अम्मा के साथ कौन - कौन रहता होगा? ऽ आसमान बार - बार आकर अम्मा की कमर से क्यों टकराता था? तुम्हें क्या लगता है? रूठना - मनाना जब बूढ़ी अम्मा उड़ी जा रही थी तो उन्होंने आसमान को हर तरह से मनाने की कोश्िाश की। बताओ, उन्होंने क्या - क्या कहा होगा? घबराकर गिड़गिड़ाकर तरकीब सूझने पर गुस्से से घूरना ऽ अम्मा उसे घूरकर देखती तो आसमान थोड़ा हट जाता। कब - कब ऐसा होता है जब तुम्हें कोइर् घूरकर देखता है। जैसे: मेरा दोस्त मुझे घूरकर देखता है जब मैं उसका मशाक उड़ाता हूँ। मेरे पिता मेरे श्िाक्षक मेरी बहन /मेरा भाइर् दम लगा के हइर्शा रस्साकशी के खेल में दो टोलियों के बीच में खूब खींचातानी होती है। वुफछ और खेलों के नाम लिखो जिनमें दो टोलियाँ खेलती हों। साप.फ - सप.फाइर् ऽ घर की सप.फाइर् करने के लिए किन - किन चीशों का इस्तेमाल होता है? ऽ किन - किन मौकों पर तुम्हारे घर का सारा सामान हटाकर खूब शोर - शोर से सप.फाइर् होती है? ऽ ये मौके खास क्यों हैं? ऽ सप.फाइर् के काम से जुड़े हुए शब्द सोचो और लिखो। जैसे - झाड़ना। काम कौन करता है? ऽ बूढ़ी अम्मा अकेली रहती थीं। उन्हें घर का सारा काम अकेले ही करना पड़ता होगा। उन कामों की सूची बनाओ जो उन्हें सुबह से शाम तक करने पड़ते होंगे। यह भी बताओ कि तुम्हारे घर में ये काम कौन - कौन करता है? बूढ़ी अम्मा के काम मेरे घर में कौन करता है ........................................................................................................................................................ ........................................................................................................................................................ ऽ तुम कौन - से काम करते हो? अपने कामों के बारे में बताओ। कितने नाम, कितने काम? ऽ इस कहानी में नाम वाले और काम वाले कइर् शब्द आए हैं। उन्हें छाँटकर नीचे तालिका में लिखो। तुम्हारी शरारत ऽ अपनी किसी शरारत के बारे में लिखो। अरे, आसमान की शरारत तो वुफछ भी नहीं! मैंने तो एक बार ... तुम्हें चाँद में क्या दिखाइर् देता है? बनाओ। ऽ सूरज और चाँद उफपर क्यों गए? बहुत समय पहले सूरज और चाँद शमीन पर रहते थे। पानी उनका अच्छा दोस्त था और वे अक्सर उससे मिलने आते थे। लेकिन पानी कभी उनके घर नहीं जाता था। तुम कभी हमसे मिलने क्यों नहीं आते? पानी बोला - मेरे बहुत सारे दोस्त हैं। यदि मैं तुम्हारे घर आउँफ तो वे भी मेरे साथ आएँगे। उन सबके लिए तुम्हारे घर में जगह नहीं होगी। सूरज ने कहा - मैं एक बहुत बड़ा नया घर बनाउँफगा। सूरज ने सचमुच एक नया घर बनाया जो बहुत बड़ा था। उसने पानी को इस नए घर में बुलाया। पानी तरह - तरह की मछलियों और उनके साथ रहने वाले दूसरे जानवरों के साथ सूरज के घर पहुँचा। पानी ने बाहर खड़े होकर पूछा - मैं अपने दोस्तों के साथ अंदर आ जाउँफ? सूरज ने कहा - हाँ, हाँ, आ जाओ। पानी अंदर आया और वुफछ ही देर में सूरज के घर में घुटनों तक पानी भर गया। देखते ही देखते पानी सिर तक पहुँच गया। मछलियाँ और पानी के तमाम जानवर सूरज के घर में इध्र - उध्र घूमने लगे। अंत में पानी इतना उँफचा हो गया कि सूरज और चाँद को छत पर जाकर बैठना पड़ा लेकिन थोड़ी ही देर में पानी छत पर आ पहुँचा। अब सूरज और चाँद क्या करते? कहाँ बैठते? वे भागकर आसमान पर पहुँचे। आसमान उन्हें इतना पसंद आया कि वे वहीं रहने लगे। ऽ