Aas-Pass

डाल - डाल पर, ताल - ताल पर माँ, आज मुझे स्वूफल भेज दो न! दो दिन से घर में बैठे - बैठे बोर हो गइर् ह ू ँ μ पूनम बोली। माँ ने जवाब दिया μ तुम्हें अभी भी बुखार है। बाहर जाकर चारपाइर् पर लेट जाओ। चारपाइर् पर लेटे - लेटे पूनम को नींद आ गइर्। अचानक उसके चेहरे पर वुफछ गिरा। वह हड़बड़ाकर उठी। उसने अपने गाल पर हाथ लगाया। उपफ! यह किसकी़शरारत है μ कबूतर की या कौए की? हँू, कौए की ही लगती है! बच्चे अपने आस - पास के लोगों और चीशों को देखकर, समझकर बहुत वुफछ सीखते हैं। इस अध्याय से भी कक्षा के बाहर की दुनिया का अवलोकन करवाया जाए μ कक्षा में बैठकर केवल पढ़ा न जाए। 1 पूनम ने पेड़ पर कइर् जानवर देखे। तुम्हें चित्रा में पेड़ पर कौन - कौन से जानवर दिखाइर् दे रहे हैं? उनके नाम लिखो। शमीन से पूनम ने एक पत्ता उठाया और बीट को पोंछा। गाल अभी भी चिपचिपा था। उसने सोचा, सामने तालाब में धे आती हँू। पूोाा नम ने तालाब पर किन - किन जानवरों को देखा?चित्रदख्करउनकेनमलिखो। किताब में ‘जानवर’ शब्द का इस्तेमाल सभी तरह के जानवरों μ कीड़े, पक्षी, स्तनधारी आदि वफेलिए किया गया है। इस उम्र में बच्चे कीड़े - मकौड़े या साँप और छिपकली का अध्िक बारीकी से वगीर्करण नहीं कर सकते। आप भी पता करें कि बच्चे जानवर शब्द से क्या समझते हैं। 2 तालाब पर दिखे जानवरों का अभ्िानय ;एक्शनद्ध करके दिखाओ। कौन - सा जानवर क्या हरकत करता होगा? जानवरों की अलग - अलग आवाशें भी निकालो। जानवरों के चलने का ढँग अलग - अलग होता है। वुफछ चलते हैं तो वुफछ रेंगते हैं। वुफछ उड़ते हैं तो वुफछ तैरते हैं। इसके लिए वुफछ पैरों की मदद लेते हैं तो वुफछ पंखों की। वुफछ तो पूँछ का सहारा भी लेते हैं। तुमने भी बहुत सारे जानवर देखे होंगे। उनमें से कौन - कौन से जानवर μ उड़ते हैं रेंगते हैं चलते हैं पुफदकते हैं पंख वाले हैं पैर वाले हैं पँूछ वाले हैं जानवर अलग - अलग जगह रहते हैं। वुफछ पेड़ पर रहते हैं तो वुफछ पानी में। वुफछ शमीन पर रहते हैं तो वुफछ उसके नीचे। वुफछ तो हमारे घरों में भी रहते हैं। जानवरों के रंग, रूप, चाल, आवाश आदि देखना तथा उनकी नकल करना बच्चों को बहुत रोचक लगता है। जानवरों की विविधता देखकर उनके अलग - अलग समूह बनाने से ही वगीर्करण की शुरुआत होती है। ❉ नीचे दिए चित्रों को देखो। इनमें से जो जानवर तुम्हारे घर में नहीं रहते, उनमें रंग भरो। 4 ❉ यहाँ वुफछ जानवरों के अध्ूरे चित्रा हैं। इन्हें पूरा करोे और इनके नाम नीचे मैं कौन हँू? वगर् पहेली में मेरा नाम ढूँढ़ो और उन पर घेरा लगाओ। एक उदाहरण दिया ह।ै 1.छत पर बैठकर केला खाउँफ, इध्र - उध्र मैं वूफद लगाउँफ। 2.दीवारों पर जाल बनाउँफ, जिसमें कीड़ों को पँफसाउँफ। 3.जाग - जाग कर रात बिताउँफ, दिन निकले तो मैं सो जाउँफ। 4.टरर् - टरर् - टरर् की रट लगाउँफ, पुफदक - पुफदक पानी में जाउँफ। 5.बारिश के बाद नशर मैं आउँफ, पाँव नहीं पर रेंगता जाउँफ। 6.ध्ीमी चाल से चलता जाउँफ, दौड़ में पिफर भी जीत मैं पाउँफ। द क छु आ ग र बं में ढ क च द स म प क र ह उ न म क ड़ी ल्लू च वेंफ चु आ म छ पहेली 6 का आधर पंचतंत्रा की कहानी ‘खरगोश और कछुआ’ है। कहानी सुनाकर बच्चों को पंचतंत्रा की और कहानियाँ पढ़ने के लिए भी प्रेरित करें। चित्रा में देखो और बताओ कौन - से निशान उँगलियों के हैं और कौन - से अँगूठे के। तुम भी इसी तरह स्याही या गीले रंग से कागश पर जानवरों के चित्रा बनाओ। दिए गए चित्रों की नकल मत करना, अपने मन से बनाना। इन चित्रों से अपने स्वूफल और घर को सजाओ। बच्चों को सृजनात्मक गतिविध्ियों जैसे उँगलियों और अँगूठे पर रंग लगाकर चित्रा बनाना अच्छा लगता है। उन्हें अपनी इच्छा से अलग - अलग तरह के डिशाइन बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। ❉ आओ कु छ चित्र बनाएँ ♦ किसी ऐसे जानवर का चित्रा काॅपी में बनाओ, जिसे तुमने देखा है। ♦ तीन बच्चे मिलकर एक चित्रा बनाएँगे। एक कागश को तीन हिस्सों में मोड़ लो। 1.एक बच्ची कागश के पहले हिस्से मेें किसी जानवर का मुँह बनाए। कागश को मोड़ कर अपने चित्रा को छुपा ले। 2.दूसरी बच्ची बीच वाले हिस्से में किसी और जानवर का ध्ड़ बनाए। 3.तीसरी बच्ची किसी और जानवर के पैर बनाए। 4.अब इस पूरे कागश को खोलो और चित्रा देखो। बन गया न मज.े दार जानवर! अपने साथ्िायों के चित्रों को भी देखो। बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे जानवरों को ध्यान से देखें और अपने मन से चित्रा बनाएँ। ‘समूह में चित्रा’ बनाने में बच्चों को सहायता की आवश्यकता हो सकती है। किसी पेड़ के नीचे वुफछ देर बैठो। ध्यान से देखो, पेड़ पर और उसके आस - पास कौन - कौन से जानवर हैं μ डालियों पर पत्तों पर तने पर शमीन पर पेड़ के आस - पास अब इन जानवरों को एक व्रफम में लिखो μ छोटे से बड़े तक। 1.2.34.5.67.8.910.11.1213.14.15 जिग्साॅ का खेल जिग्साॅ में किसी चित्रा के ऐसे टुकड़े होते हैं कि उनको मिलाने के लिए बहुत दिमाग लगाना पड़ता है। यह गतिविध्ि चीशों को व्रफमानुसार लगाने का शुरुआती कदम है। व्रफम में लगाना बच्चों के अपने अनुभव पर निभर्र करता है μ चूहा चिडि़या से छोटा भी हो सकता है और बड़ा भी। अब तुम भी किसी जानवर के चित्रा से एक जिग्साॅ बनाओ। चित्रा को गत्ते पर चिपकाओ। गत्ते को जानवर के आकार में काटो। अब इस गत्ते को आड़े - तिरछे टुकड़ों में काटो। टुकड़े अलग - अलग करके अपने दोस्तों से जोड़कर देखने को कहो। उनसे जानवर का नाम भी पूछो। जिग्साॅ ऐसा बनाया जाए कि उसमें वुफछ चुनौती हो μ सीध्े - सीध्े टुकड़े न हों जो आसानी से ही जो ड़े जा सवेंफ। 9

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