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पृष्ठीय क्षेत्रापफल और आयतन 13 13ण्1 भूमिका कक्षा प्ग् से, आप वुफछ ठोस आवृफतियों जैसे घनाभ, शंवुफ, बेलन और गोला से परिचित हो चुके हैं ;देख्िाए आवृफति 13.1द्ध। आप यह भी पढ़ चुके हैं कि इन आवृफतियों के पृष्ठीय क्षेत्रापफल और आयतन किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं। आवृफति 13ण्1 अपने दैनिक जीवन में हमें ऐसे अनेक ठोस देखने को मिलते हैं जो उपरोक्त दो याअध्िक आधरभूत ठोसों के संयोजनों से ;अथार्त् इनको मिलाकरद्ध बनते हैं। आपने एक ट्रक के पीछे रखे बड़े वंफटेनर ;बवदजंपदमतद्ध को अवश्य ही देखा होगा ;देख्िाए आवृफति 13.2द्ध, जिसमें एक स्थान से दूसरे स्थान तक तेल या पानी ले जाया जाता है। क्या इसका आकार उपरोक्त चारों ठोसों में से किसी एक के आकार जैसा है? आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह ठोस एक बेलन और उसके आवृफति 13ण्2 दोनों सिरों पर दो अध्र्गोले लगने पर बना है। पुनः, आपने ऐसी वस्तु भी अवश्य देखी होगी जो आवृफति 13.3 में दशार्इर् गइर् है। क्या आप इसका नाम बता सकते हैं? यह निश्चय ही एक परख नली ;जमेज जनइमद्ध है। आपने इसे अपनी विज्ञान प्रयोगशाला में प्रयोग किया होगा। यह परखनली भी एक बेलन और एक अधर्गोले से मिलकर बनी है। इसी प्रकार, यात्रा करते समय भी उपरोक्त ठोसों के संयोजनों से बने अनेक बड़े और सुंदर भवनों अथवा स्मारकों को आपने देखा होगा। आवृफति 13ण्3 यदि किन्हीं कारणवश, आप इन ठोसों के पृष्ठीय क्षेत्रापफल या आयतन या धरिता ज्ञात करना चाहें तो आप ऐसा किस प्रकार करेंगे? आप ऐसे ठोसों को अब तक पढ़ी हुइर् चारों ठोस आवृफतियों में से किसी एक के रूप में वगीर्वृफत नहीं कर सकते। इस अध्याय में आप यह देखेंगे कि इस प्रकार के ठोसों के पृष्ठीय क्षेत्रापफल और आयतन किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं? 13ण्2 ठोसों के संयोजन का पृष्ठीय क्षेत्रापफल आइए उस वंफटेनर पर विचार करें जो हमने आवृफति 13.2 में देखा था। इस प्रकार के ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रापफल हम वैफसे ज्ञात करें? अब, जब भी हमारे सम्मुख कोइर् नइर् समस्या आती है तो हम सवर्प्रथम यह देखने का प्रयत्न करते हैं कि क्या हम इसे ऐसी छोटी समस्याओं में तोड़ सकते हैं जिन्हें हम पहले हल कर चुके हैं। हम देख सकते हैं कि यह ठोस एक बेलन के दोनों सिरों पर एक - एक अध्र्गोला लगाने से बना है। यह आवृफति 13.4 में दिखाए ठोस जैसा लगेगा, जबकि हम सभी टुकड़ों को एक साथ मिला लेते हैं। आवृफति 13ण्4 यदि हम नयी बनी हुइर् वस्तु को देखें, तो हमें केवल दोनांे अधर्गोलों तथा बेलन के केवल वक्रपृष्ठ दिखाइर् देंगे। इसलिए इस ठोस का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल तीनों भागों के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफलों के योग के बराबर होगा। इससे हमें प्राप्त होता हैः ठोस का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल;ज्ै।द्ध त्र एक अध्र्गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल;ब्ै।द्ध ़ बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल ़ दूसरे अध्र्गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल आइए एक अन्य स्िथति पर विचार करें। मान लीजिए हम अध्र्गोले और एक शंवुफ को जोड़कर एक ख्िालौना बना रहे हैं। आइए हम उन चरणों को देखें जिनका हम अनुसरण करेंगे। पहले हम एक शंवुफ और एक अध्र्गोला लेंगे और पिफर उनके सपाट पृष्ठों को साथ - साथ लाने का प्रयत्न करेंगे। निस्संदेह, ख्िालौने के पृष्ठ को चिकना रखने के लिए हम शंवुफ के आधर की त्रिाज्या अध्र्गोले की त्रिाज्या के बराबर लेंगे। इस ख्िालौने के बनाने में संब( चरण आवृफति 13.5 में दशार्ए अनुसार होंगेः आवृफति 13ण्5 अपने प्रयत्न के पफलस्वरूप हमें एक गोल आधर वाला संुदर ख्िालौना प्राप्त हो जाता है। अब, हम यदि यह जानना चाहें कि इस ख्िालौने के पृष्ठ पर रंग करवाने के लिए कितने पेंट की आवश्यकता होगी, तो हमें क्या जानकारी होनी चाहिए? हमें इस ख्िालौने के पृष्ठीय क्षेत्रापफल को ज्ञात करने की आवश्यकता है, जो अध्र्गोले के ब्ै। और शंवुफ के ब्ै। को मिलाकर बनता है। अतः, हम कह सकते हैं कि ख्िालौने का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र अध्र्गोले का ब्ै। ़ शंवुफ का ब्ै। अब, आइए वुफछ उदाहरण लें। उदाहरण 1 रू रशीद को जन्मदिन के उपहार के रूप में एक लट्टू मिला, जिस पर रंग नहींकिया गया था। वह इस पर अपने मोमिया रंगों ;ब्तंलवदेद्ध से रंग करना चाहता है।यह लट्टू एक शंवुफ के आकार का है जिसके ऊपर एक अध्र्गोला अध्यारोपित है;देख्िाए आवृफति 13.6द्ध। लट्टू की पूरी ऊँचाइर् 5 बउ है और इसका व्यास 3ण्5 बउ है। उसके द्वारा रंग किया जाने वाला क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। ;π त्र 22 लीजिए।द्ध 7 हल रू यह लट्टू बिल्वुफल उस वस्तु जैसा है जिसकी चचार् हमने आवृफति 13.5 में की थी। अतः, हम वहाँ पर प्राप्त परिणाम को सुविधजनक रूप से यहाँ प्रयोग कर आवृफति 13ण्6 सकते हैं। अथार्त् लट्टू का ज्ै। त्र अध्र्गोले का ब्ै। ़ शंवुफ का ब्ै। 12 2 अब, अध्र्गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र 2;4त द्ध  2त  22 3ण्5 3ण्5  2 त्र2   बउ   722  साथ ही, शंवुफ की ऊँचाइर् त्र लट्टू की ऊँचाइर् दृ अध्र्गोलीय भाग की ऊँचाइर् ;त्रिाज्याद्ध  3ण्5  त्र 5  बउ त्र 3ण्25 बउ  2  अतः शंवुफ की तियर्क ऊँचाइर्;स द्ध त्र त2  ी2   3ण्5 2  ;3ण्25द्ध 2 बउ त्र 3ण्7 बउ ;लगभगद्ध 2   22 3ण्5  2इसलिए शंवुफ का पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र πतस त्र   3ण्7  बउ  72  इससे लट्टू का प्राप्त पृष्ठीय क्षेत्रापफल  22 3ण्5 3ण्5  2  22 3ण्5  2 2   बउ   3ण्7 बउ त्र    722  72  223ण्5 211 2 2 त्र 3ण्5 3ण्7  बउ त्र ;3ण्5 3ण्7द्ध बउ 39ण्6 बउ ;लगभगद्ध 72 2 आप देख सकते हैं कि लट्टू का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल अध्र्गोले और शंवुफ के संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफलों के योग के बराबर नहीं है। उदाहरण 2 रू आवृफति 13.7 में दशार्या गया सजावट के लिए प्रयोग होने वाला ब्लाॅक दो ठोसों से मिलकर बना है। इनमें से एक घन है और दूसरा अध्र्गोला है। इस ब्लाॅक ;इसवबाद्ध का आधर 5 बउ कोर या किनारे ;मकहमद्ध वाला एक घन है और उसके ऊपर लगे हुए अध्र्गोले का व्यास 4ण्2 बउ है। इस ब्लाॅक का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। ;π त्र 22 लीजिए।द्ध7 आवृफति 13ण्7 हल रू घन का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र 6 × ;कोरद्ध2 त्र 6 × 5 × 5 बउ2 त्र 150 बउ2 अब, घन का वह भाग जिस पर अध्र्गोला लगा हुआ है पृष्ठीय क्षेत्रापफल में सम्िमलित नहीं होगा। अतः ब्लाॅक का पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र घन का ज्ै। दृ अध्र्गोले के आधर का क्षेत्रापफल ़ अध्र्गोले का ब्ै। त्र 150 दृ πत2 ़ 2 πत2 त्र ;150 ़ πत2द्ध बउ2 2  22 4ण्2 4ण्2  2 त्र 150 बउ   बउ   72 2  त्र 150 बउ2 ़ 13ण्86 बउ2 त्र 163ण्86 बउ2 उदाहरण 3 रू लकड़ी का एक ख्िालौना राॅकेट ;तवबामजद्ध एक शंवुफ के आकार का है जो एक बेलन पर अध्यारोपित है, जैसाकि आवृफति 13.8 में दशार्या गया है। संपूणर् राॅकेटकी ऊँचाइर् 26 बउ है, जबकि शंक्वाकार भागकी ऊँचाइर् 6 बउ है। शंक्वाकार के भाग के आधर का व्यास 5 बउ और बेलनाकार भाग के आधर का व्यास 3 बउ है। यदि शंक्वाकार भाग पर नारंगी रंग किया जाना है और बेलनाकार बेलन का आधर भाग पर पीला रंग किया जाना है, तो प्रत्येक शंवुफ का आधर रंग द्वारा राॅकेट का रँगे जाने वाले भाग का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। ;π त्र 3ण्14 लीजिए।द्ध आवृफति 13ण्8 हलरू शंवुफ की त्रिाज्या को त से, शंवुफ की तियर्क ऊँचाइर् को स से, शंवुफ की ऊँचाइर् को ी से, बेलन की त्रिाज्या को त′ से, बेलन की ऊँचाइर् को ी′ से व्यक्त कीजिए। तब, त त्र 2ण्5 बउए ी त्र 6 बउए त′ त्र 1ण्5 बउए ी′ त्र 26 दृ 6 त्र 20 बउ तथा 22 22 स त्र त  ी त्र 2ण्5 6 बउ त्र 6ण्5 बउ यहाँ, शंक्वाकार भाग का वृत्तीय आधर बेलन के आधर पर टिका हुआ है परंतु शंवुफ का आधर बेलन के आधर से बड़ा है। अतः, शंवुफ के आधर के एक भाग ¹वलय ;तपदहद्धह् को भी रँगा जाएगा। अतः,नारंगी रंग से रँगे भाग का क्षेत्रापफल त्र शंवुफ का ब्ै। ़ शंवुफ के आधर का क्षेत्रापफल दृ बेलन के आधर का क्षेत्रापफल त्र πतस ़ πत2 दृ π;त′द्ध2 त्र πख्;2ण्5 × 6ण्5द्ध ़ ;2ण्5द्ध2 दृ ;1ण्5द्ध2, बउ2 त्र πख्20ण्25, बउ2 त्र 3ण्14 × 20ण्25 बउ2 त्र 63ण्585 बउ2 अब, पीले रंग से रंगे जाने वाले भाग का क्षेत्रापफल त्र बेलन का ब्ै। ़ बेलन के एक आधर का क्षेत्रापफल त्र2πत′ी′ ़ π;त′द्ध2 त्र πत′ ;2ी′ ़ त′द्ध त्र 3ण्14 × 1ण्5 ख्2 × 20 ़ 1ण्5, बउ2 त्र 4ण्71 × 41ण्5 बउ2 त्र 195ण्465 बउ2 उदाहरण 4 रू मयंक ने अपने बगीचे के लिए एक पक्षी - स्नानागार ;इपतक.इंजीद्ध बनाया जिसका आकार एक खोखले बेलन जैसा है जिसके एक सिरे पर अध्र्गोलाकार बतर्न बना हुआ है ;देख्िाए आवृफति 13.9द्ध। बेलन कीऊँचाइर् 1ण्45 उ है और उसकी त्रिाज्या 30 बउ है। इस पक्षी - स्नानागार का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। आवृफति 13ण्9 हलरू मान लीजिए कि बेलन की ऊँचाइर् ी है तथा बेलन और अध्र्गोले की उभयनिष्ठ त्रिाज्या त है। तब, पक्षी - स्नानागार का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र बेलन का ब्ै। ़ अध्र्गोले का ब्ै। त्र2πती ़ 2πत2 त्र 2π त;ी ़ तद्ध 22 2 त्र 2  30;145 30द्ध बउ 7 त्र 33000 बउ2 त्र 3ण्3 उ2 प्रश्नावली 13ण्1 22 जब तक अन्यथा न कहा जाए,π त्र 7 लीजिए। 1ण् दो घनों, जिनमें से प्रत्येक का आयतन 64 बउ3 है, के संलग्न पफलकों को मिलाकर एक ठोस बनाया जाता है। इससे प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 2ण् कोइर् बतर्न एक खोखले अध्र्गोले के आकार का है जिसके ऊपर एक खोखला बेलन अध्याारोपित है। अध्र्गोले का व्यास14 बउ है और इस बतर्न ;पात्राद्ध की वुफल ऊँचाइर् 13 बउ है। इस बतर्न का आंतरिक पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 3ण् एक ख्िालौना त्रिाज्या 3ण्5 बउ वाले एक शंवुफ के आकार का है, जो उसी त्रिाज्या वाले एक अधर्गोलेपर अध्यारोपित है। इस ख्िालौने की संपूणर् ऊँचाइर् 15ण्5 बउ है। इस ख्िालौने का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 4ण् भुजा 7 बउ वाले एक घनाकार ब्लाॅक के ऊपर एक अध्र्गोला रखा हुआ है। अध्र्गोले का अिाकतम व्यास क्या हो सकता है? इस प्रकार बने ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 5ण् एक घनाकार ब्लाॅक के एक पफलक को अंदर की ओर से काट कर एक अध्र्गोलाकार गड्ढा इस प्रकार बनाया गया है कि अध्र्गोले का व्यास घन के एक किनारे के बराबर है। शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 6ण् दवा का एक वैफप्सूल ;बंचेनसमद्ध एक बेलन के आकार का है जिसके दोनों सिरों पर एक - एक अध्र्गोला लगा हुआ है ;देख्िाए आवृफति 13.10द्ध। पूरे वैफप्सूल की लंबाइर् 14 उउ है और उसका व्यास 5 उउ है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रापफल आवृफति 13ण्10 ज्ञात कीजिए। 7ण् कोइर् तंबू एक बेलन के आकार का है जिस पर एक शंवुफ अध्यारोपित है। यदि बेलनाकार भागकी ऊँचाइर् और व्यास क्रमशः 2ण्1 उ और 4 उ है तथा शंवुफ की तियर्क ऊँचाइर् 2ण्8 उहै तो इस तंबू को बनाने में प्रयुक्त वैफनवस ;बंदअंेद्ध का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। साथ ही, ृ 500 प्रतिउ2 की दर से इसमें प्रयुक्त वैफनवस की लागत ज्ञात कीजिए। ;ध्यान दीजिए कि तंबू के आधार को वैफनवस से नहीं ढका जाता है।द्ध 8ण् ऊँचाइर् 2ण्4 बउ और व्यास 1ण्4 बउ वाले एक ठोस बेलन में से इसी ऊँचाइर् और इसी व्यास वाला एक शंक्वाकार खोल ;बंअपजलद्ध काट लिया जाता है। शेष बचे ठोस का निकटतम वगर् संेटीमीटर तक पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 9ण् लकड़ी के एक ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अध्र्गोला खोदकर निकालते हुए, एक वस्तु बनाइर् गइर् है, जैसाकि आवृफति 13.11 में दशार्या गया है। यदि बेलन की ऊँचाइर् 10 बउ है और आधर की त्रिाज्या 3ण्5 बउ है तो इस वस्तु का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। आवृफति 13ण्11 13ण्3 ठोसों के संयोजन का आयतन पिछले अनुच्छेद में हमने यह चचार् की है कि दो आधरभूत ठोसों के संयोजन से बने ठोसों के पृष्ठीय क्षेत्रापफल किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं। अब हम देखेंगे कि इस प्रकार के ठोसों के आयतन किस प्रकार परिकलित किए जाते हैं। ध्यान दीजिए कि पृष्ठीय क्षेत्रापफल परिकलित करने में हमने दोनों घटकों ;ठोसोंद्ध के पृष्ठीय क्षेत्रापफलों को जोड़ा नहीं था क्योंकि इनको मिलाने की प्रिया में पृष्ठीय क्षेत्रापफल का वुफछ भाग लुप्त हो गया था। परंतु आयतन परिकलित करने की स्िथति में ऐसा नहीं होगा। दो आधरभूत ठोसों के संयोजन से बने ठोस का आयतन वास्तव में दोनों घटकों के आयतनों के योग के बराबर होता है, जैसाकि हम नीचे दिए उदाहरण में देखेंगे। उदाहरण 5 रू शांता किसी शेड ;ेीमकद्ध में एक उद्योग चलाती है। यह शेड एक घनाभ के आकार का है जिस पर एक अध्र्बेलन आरोपित है ;देख्िाए आवृफति 13.12द्ध। यदि इस शेड के आधर की विमाएँ 7 उ × 15 उ हैं तथा घनाभाकार भाग कीऊँचाइर् 8 उ है तो शेड में समावेश्िात हो सकने वाली हवा का आयतन ज्ञात कीजिए। पुनः यदि यह मान लें कि शेड में रखी आवृफति 13ण्12 मशीनरी 300 उ3 स्थान घेरती है तथा शेड के अंदर 20 श्रमिक हैं जिनमें से प्रत्येक 0ण्08 उ3 के औसत से स्थान घेरता है तब शेड में 22 कितनी हवा होगी? ;π त्र 7 लीजिए।द्ध हलरू शेड के अंदर हवा का आयतन ;जब इसमें कोइर् व्यक्ित या मशीनरी नहीं हैद्ध घनाभ के अंदर की हवा और अध्र्बेलन के अंदर की हवा के आयतनों को मिला कर प्राप्त होगा। अब, घनाभ की लंबाइर्, चैड़ाइर् और ऊँचाइर् क्रमशः 15 उए 7 उ और 8 उ हैं। साथ ही, अध्र्बेलन का व्यास 7 उ और ऊँचाइर्15 उ है। इसलिए वांछित आयतन त्र घनाभ का आयतन ़ 1 बेलन का आयतन 2  122 7 7 3 त्र 15 7 8 15 उ त्र 1128ण्75 उ3     2 7 22  आगे, मशीनरी द्वारा घेरा गया स्थान त्र 300 उ3 तथा 20 श्रमिकों द्वारा घेरा गया स्थान त्र 20 × 0ण्08 उ3 त्र 1ण्6 उ3 अतः, शेड में उस समय हवा का आयतन, जब उसमें मशीनरी और श्रमिक हैं त्र 13128ण्75 दृ ;300ण्00 ़ 1ण्60द्ध त्र 827ण्15 उ3 उदाहरण 6 रू एक जूस ;रनपबमद्ध बेचने वाला अपने ग्राहकों को आवृफति 13.13 में दशार्ए गिलासों से जूस देता था। बेलनाकार गिलास का आंतरिक व्यास 5 बउ था, परंतु गिलास के निचले आधर ;तलीद्ध में एक उभरा हुआ अध्र्गोला था, जिससे गिलास की धरिता कम हो जातीथी। यदि एक गिलास की ऊँचाइर् 10 बउ थी, तो गिलास की आभासी ;ंचचंतमदजद्ध धारिता तथा उसकी वास्तविक धरिता ज्ञात कीजिए। आवृफति 13ण्13 ;π त्र 3ण्14 लीजिए।द्ध हल रू चूँकि गिलास का आंतरिक व्यासत्र 5 बउ है और ऊँचाइर् त्र 10 बउ है, इसलिए गिलास की आभासी धरितात्र πत2 ी त्र 3ण्14 × 2ण्5 × 2ण्5 × 10 बउ3 त्र 196ण्25 बउ3 परंतु इसकी वास्तविक धरिता उपरोक्त धरिता से आधर में बने अध्र्गोले के आयतन के बराबर कम है। 22 3 अथार्त् कमी बराबर है πत3 त्र 3ण्14  2ण्5 2ण्5 2ण्5 बउ त्र 32ण्71 बउ3 33 अतः गिलास की वास्तविक धरिता त्र आभासी धरिता दृ अध्र्गोले का आयतन त्र ;196ण्25 दृ 32ण्71द्ध बउ3 त्र 163ण्54 बउ2 उदाहरण 7 रू एक ठोस ख्िालौना एक अध्र्गोले केआकार का है जिस पर एक लंब वृत्तीय शंवुफआरोपित है। इस शंवुफ की ऊँचाइर् 2 बउ है और आधार का व्यास 4 बउ है। इस ख्िालौने का आयतननिधार्रित कीजिए। यदि एक लंब वृत्तीय बेलन इस ख्िालौने के परिगत हो तो बेलन और ख्िालौने के आयतनों का अंतर ज्ञात कीजिए।;πत्र 3ण्14 लीजिए।द्ध आवृफति 13ण्14 हल रू मान लीजिए ठच्ब् अध्र्गोला है तथा।ठब् अध्र्गोले के आधर पर खड़ा एक शंवुफ है ;देख्िाए आवृफति 13.14द्ध। अध्र्गोले ;और शंवुफ की भीद्ध की त्रिाज्या त्र 1 × 4 बउ त्र 2 बउ 22 31 2 इसलिए ख्िालौने का आयतन त्र त ती 33 231 2 त्र 3ण्14 ;2द्ध 3ण्14 ;2द्ध 2 बउ3त्र25ण् 12 बउ3 33 अब, मान लीजिए कि दिए गए ठोस के परिगत लंब वृत्तीय बेलन म्थ्ळभ् है। इस लंब वृत्तीय बेलन के आधार की त्रिाज्या त्र भ्च् त्र ठव् त्र 2 बउ है तथा इसकी ऊँचाइर् म्भ् त्र ।व् ़ व्च् त्र ;2 ़ 2द्ध बउ त्र 4 बउ है। अतः, वांछित आयतन त्र लंब वृत्तीय बेलन का आयतन दृ ख्िालौने का आयतन त्र ;3ण्14 × 22 × 4 दृ 25ण्12द्ध बउ3 त्र 25ण्12 बउ3 इस प्रकार, दोनों आयतनों का अंतर त्र 25ण्12 बउ3 है। प्रश्नावली 13ण्2 22 ;जब तक अन्यथा न कहा जाए, πत्र 7 लीजिए।द्ध 1ण् एक ठोस एक अध्र्गोले पर खड़े एक शंवुफ के आकार का है जिनकी त्रिाज्याएँ 1 बउ हैं तथा शंवुफकी ऊँचाइर् उसकी त्रिाज्या के बराबर है। इस ठोस का आयतन πके पदों में ज्ञात कीजिए। 2ण् एक इंजीनिय¯रग के विद्याथीर् रचेल से एक पतली एल्यूमीनियम की शीट का प्रयोग करते हुए एक माॅडल बनाने को कहा गया जो एक ऐसे बेलन के आकार का हो जिसके दोनों सिरों पर दो शंवुफ जुड़े हुए हों। इस माॅडल का व्यास 3 बउ है और इसकी लंबाइर्12 बउ है। यदि प्रत्येकशंवुफ की ऊँचाइर् 2 बउ हो तो रचेल द्वारा बनाए गए माॅडल में अंत£वष्ट हवा का आयतन ज्ञात कीजिए। ;यह मान लीजिए कि माॅडल की आंतरिक और बाहरी विमाएँ लगभग बराबर हैं।द्ध 3ण् एक गुलाबजामुन में उसके आयतन की लगभग 30ः चीनी की चाशनी होती है। 45 गुलाबजामुनों में लगभग कितनी चाशनी होगी, यदि प्रत्येक गुलाबजामुन एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरे अध्र्गोलाकार हंै तथा इसकी लंबाइर् 5 बउ और व्यास 2ण्8 बउ है ;देख्िाए आवृफति 13.15द्ध। आवृफति 13ण्15 4ण् एक कलमदान घनाभ के आकार की एक लकड़ी से बना है जिसमें कलम रखने के लिए चार शंक्वाकार गड्ढे बने हुए हैं। घनाभ की विमाएँ 15 बउ × 10 बउ × 3ण्5 बउ हैं। प्रत्येक गड्ढे की त्रिाज्या 0ण्5 बउहै और गहराइर् 1ण्4 बउ है। पूरे कलमदान में लकड़ी का आयतन ज्ञात कीजिए ;देख्िाए आवृफति 13.16द्ध। आवृफति 13ण्16 5ण् एक बतर्न एक उल्टे शंवुफ के आकार का है। इसकी ऊँचाइर् 8 बउ है और इसके ऊपरी सिरे ;जो खुला हुआ हैद्ध की त्रिाज्या 5 बउ है। यह ऊपर तक पानी से भरा हुआ है। जब इस बतर्न में सीसे की वुफछ गोलियाँ जिनमें प्रत्येक 0ण्5 बउ त्रिाज्या वाला एक गोला है, डाली जाती हैं, तो इसमें से भरे हुए पानी का एक चैथाइर् भाग बाहर निकल जाता है। बतर्न में डाली गइर् सीसे की गोलियों की संख्या ज्ञात कीजिए। 6ण् ऊँचाइर् 220 बउऔर आधर व्यास 24 बउ वाले एक बेलन, जिस पर ऊँचाइर् 60 बउऔर त्रिाज्या 8 बउ वाला एक अन्य बेलन आरोपित है, से लोहे का एक स्तंभ बना है। इस स्तंभ का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, जबकि दिया है 1 बउ3 लोहे का द्रव्यमान लगभग 8 ह होता है। ;π त्र 3ण्14 लीजिए।द्ध 7ण् एक ठोस में, ऊँचाइर्120 बउ और त्रिाज्या 60 बउ वाला एक शंवुफ सम्िमलित है, जो 60 बउ त्रिाज्या वाले एक अध्र्गोले पर आरोपित है। इस ठोस को पानी से भरे हुए एक लंब वृत्तीय बेलन में इस प्रकार सीध डाल दिया जाता है कि यह बेलन की तली को स्पशर् करे। यदि बेलन की त्रिाज्या 60 बउ है और ऊँचाइर्180 बउ है तो बेलन में शेष बचे पानी का आयतन ज्ञात कीजिए। 8ण् एक गोलाकार काँच के बतर्न की एक बेलन के आकार की गदर्न है जिसकी लंबाइर् 8 बउ है और व्यास 2 बउहै जबकि गोलाकार भाग का व्यास 8ण्5 बउ है। इसमें भरे जा सकने वाली पानी की मात्रा माप कर, एक बच्चे ने यह ज्ञात किया कि इस बतर्न का आयतन 345 बउ3 है। जाँचकीजिए कि उस बच्चे का उत्तर सही है या नहीं, यह मानते हुए कि उपरोक्त मापन आंतरिक मापन है औरπ त्र 3ण्14 । 13ण्4 एक ठोस का एक आकार से दूसरे आकार में रूपांतरण निश्िचत रूप से, आपने मोमबिायाँ अवश्य देखी होंगी। सामान्यतः ये बेलन के आकार की होती हंै। आपने पशुओं के आकार की भी वुफछ मोमबिायाँ देखी होंगी ;देख्िाए आवृफति 13.17द्ध। आवृफति 13ण्17 ये किस प्रकार बनाइर् जाती हैं? यदि आप किसी विश्िाष्ट प्रकार की मोमबत्ती बनाना चाहते हैं, तो आपको एक धतु के बतर्न ;पात्राद्ध में मोम को तब तक गमर् करना पड़ेगा जब तक वह पूणर्तया द्रव में न बदल जाए। पिफर आप इसे एक अन्य ऐसे बतर्न या पात्रा में ;साँचेमेंद्ध डालेंगे जिसका आकार वही होगा जिस आकार की आप मोमबत्ती बनाना चाहते हैं। उदाहरणाथर्, एक ठोस बेलन के आकार कीमोमबत्ती लीजिए, इसे पिघलाइए तथा पिघली हुइर् पूरी मोम को खरगोश के आकार वाले एक साँचे में डाल दीजिए। ठंडा करने पर आपकोखरगोश के आकार की मोमबत्ती प्राप्त हो जाएगी।नयी मोमबत्ती का आयतन वही होगा जो पहलीमोमबत्ती का था। यही बात हमें तब भी याद आवृफति 13ण्18 रखनी चाहिए, जब हम एक ठोस को अन्य आकार के एक दूसरे ठोस में परिव£तत होते हुए देखते हैं अथवा जब कोइर् द्रव पदाथर् एक आकार के बतर्न सेएक अन्य आकार के बतर्न में डाला जाता है, जैसा आप आवृफति 13.18 में देखते हैं। उपरोक्त चचार् को समझने के लिए, आइए हम वुफछ उदाहरण लें। उदाहरण 8 रूमाॅडल बनाने वाली मिट्टðी से ऊँचाइर् 24 बउ और आधर त्रिाज्या 6 बउ वाला एक शंवुफ बनाया गया है। एक बच्चे ने इसे गोले के आकार में बदल दिया। गोले की त्रिाज्या ज्ञात कीजिए। 13 हल रूशंवुफ का आयतन त्र  66 24 बउ 3 4 यदि गोले की त्रिाज्यातहै तो उसका आयतन 3 त3 है। चूँकि शंवुफ के रूप में और गोले के रूप में मिट्टðी के आयतन बराबर हैं, इसलिए 4 31 त त्र  24 66 33 अथार्त् त3 त्र3 × 3 × 24 त्र 33 × 23 अतः त त्र3 × 2 त्र 6 इसलिए, गोले की त्रिाज्या 6 बउ है। उदाहरण 9 रू सेल्वी के घर की छत पर बेलन के आकार की एक टंकी है। इस टंकी में एक भूमिगत टंकी में भरे पानी को पंप द्वारा पहुँचा कर टंकी को भरा जाता है। यह भूमिगत टंकी एक घनाभ के आकार की है, जिसकी विमाएँ 1ण्57 उ × 1ण्44 उ × 95बउ हैं। छत की टंकी की त्रिाज्या 60 बउ है और ऊँचाइर् 95 बउ है। यदि भूमिगत टंकी पानी से पूरी भरी हुइर्थी, तो उससे छत की टंकी को पूरा भरने के बाद भूमिगत टंकी में पानी कितनी ऊँचाइर् तक रह जाएगा? छत की टंकी की धरिता की भूमिगत टंकी की धरिता से तुलना कीजिए। ;π त्र 3ण्14 लीजिए।द्ध हल: छत की टंकी का आयतन त्र भूमिगत टंकी से निकाले गए पानी का आयतन अब, छत की टंकी ;बेलनद्ध का आयतन त्र πत2ी त्र 3ण्14 × 0ण्6 × 0ण्6 × 0ण्95 उ3 भूमिगत टंकी के पानी से पूरी भरी होने पर पानी का आयतन त्र स × इ × ी त्र 1ण्57 × 1ण्44 × 0ण्95 उ3 छत की टंकी को पानी से पूरा भरने के बाद भूमिगत टंकी में शेष बचे पानी का आयतन त्र ख्;1ण्57 × 1ण्44 × 0ण्95द्ध दृ ;3ण्14 ×0ण्6 × 0ण्6 × 0ण्95द्ध, उ3 त्र ;1ण्57 × 0ण्6 × 0ण्6 × 0ण्95 × 2द्ध उ3 उसमें बचेपानी का आयतन इसलिए, भूमिगत टंकी मंे शेष बचे पानी की ऊँचाइर् त्र सइ 1ण्57 0ण्6 0ण्6  0ण्95  2 त्रउ 1ण्57 1ण्44 त्र 0ण्475 उ त्र 47ण्5 बउ छत की टकंी की धरिता 3ण्14 × 0ण्6  0ण्6 0ण्95 1 साथ ही, त्र  भूि मगत टकंी की धरिता 1ण्57 × 1ण्44 × 0ण्95 2 अतः, छत की टंकी की धरिता भूमिगत टंकी की धरिता की आध्ी है। उदाहरण 10 रू व्यास 1 बउ वाली 8 बउ लंबी ताँबे की एक छड़ को एकसमान चैड़ाइर् वाले 18 उ लंबे एक तार के रूप में खींचा जाता ;बदला जाताद्ध है। तार की मोटाइर् ज्ञात कीजिए। 1 23 3 हल रू छड़ का आयतन त्र 8बउ 2  बउ 2  समान आयतन वाले तार की लंबाइर् त्र 18 उ त्र 1800 बउ यदि तार के अनुप्रस्थ काट ;बतवेे.ेमबजपवदद्ध की त्रिाज्या त है, तो तार का आयतन त्र π × त2 × 1800 बउ3 अतः π × त2 × 1800 त्र 2π 1 अथार्त् त2 त्र 900 1 अथार्त् त त्र बउ 301 अतः, तार के अनुप्रस्थ काट का व्यास, तार की चैड़ाइर् 15 बउए अथार्त् 0ण्67उउ ;लगभगद्ध है। उदाहरण 11 रू पानी से पूरी भरी हुइर् एक अध्र्गोलाकार टंकी को एक पाइप द्वारा 34 लीटर 7 प्रति सेवंफड की दर से खाली किया जाता है। यदि टंकी का व्यास 3उ है, तो वह कितने समय में आध्ी खाली हो जाएगी? ;π त्र 22 लीजिए।द्ध 7 हल रू अध्र्गोलाकार टंकी की त्रिाज्यात्र 3 उ23 222 3 3993  अतः, टंकी का आयतन त्र  उ त्र उ 2 1437  उस पानी का आयतन, जिसे खाली किया जाना है 199 त्र  उ3 214 99 99000 त्र 1000 त्र लीटर 28 28 अब, 25 लीटर पानी खाली होता है 1 सेवंफड में, इसलिए 99000 लीटर पानी खाली होगा 7 28 99000 7  सेवंफड में, अथार्त् 16.5 मिनट में। 28 25 प्रश्नावली 13ण्3 22 ;जब तक अन्यथा न कहा जाए, π त्र7 लीजिए।द्ध 1ण् त्रिाज्या4ण्2 बउ वाले धतु के एक गोले को पिघलाकर त्रिाज्या 6 बउ वाले एक बेलन के रूप में ढाला जाता है। बेलन की ऊँचाइर् ज्ञात कीजिए। 2ण् क्रमशः6 बउए 8 बउ और10 बउ त्रिाज्याओं वाले धतु के तीन ठोस गोलों को पिघलाकर एक बड़ा ठोस गोला बनाया जाता है। इस गोले की त्रिाज्या ज्ञात कीजिए। 3ण् व्यास 7 उ वाला 20 उ गहरा एक वुफआँ खोदा जाता है और खोदने से निकली हुइर् मिट्टðी को समान रूप से पैफलाकर 22 उ × 14 उवाला एक चबूतरा बनाया गया है। इस चबूतरे की ऊँचाइर् ज्ञात कीजिए। 4ण् व्यास 3 उ का एक वुफआँ 14 उ की गहराइर् तक खोदा जाता है। इससे निकली हुइर् मिट्टðी को वुफएँ के चारों ओर 4 उ चैड़ी एक वृत्ताकार वलय ;तपदहद्ध बनाते हुए, समान रूप से पैफलाकर एक प्रकार का बाँध् बनाया जाता है। इस बाँध् की ऊँचाइर् ज्ञात कीजिए। 5ण् व्यास 12 बउ और ऊँचाइर् 15 बउ वाले एक लंब वृत्तीय बेलन के आकार का बतर्न आइसक्रीम से पूरा भरा हुआ है। इस आइसक्रीम को ऊँचाइर् 12 बउ और व्यास 6 बउ वाले शंवुफओं में भरा जाना है, जिनका ऊपरी सिरा अध्र्गोलाकार होगा। उन शंवुफओं की संख्या ज्ञात कीजिए जो इस आइसक्रीम से भरे जा सकते हैं। 6ण् विमाओं5ण्5 बउ × 10 बउ × 3ण्5 बउ वाला एक घनाभ बनाने के लिए, 1ण्75 बउ व्यासऔर2 उउ मोटाइर्वाले कितने चाँदी के सिक्कों को पिघलाना पड़ेगा? 7ण् 32 बउ ऊँची और आधर त्रिाज्या 18 बउ वाली एक बेलनाकार बाल्टी रेत से भरी हुइर् है। इस बाल्टी को भूमि पर खाली किया जाता है और इस रेत की एक शंक्वाकार ढेरी बनाइर् जाती है। यदि शंक्वाकार ढेरी की ऊँचाइर् 24 बउ है, तो इस ढेरी की त्रिाज्या और तियर्क ऊँचाइर् ज्ञात कीजिए। 8ण् 6 उ चैड़ी और 1ण्5 उ गहरी एक नहर में पानी 10 ाउध्ी की चाल से बह रहा है। 30मिनट में, यह नहर कितने क्षेत्रापफल की ¯सचाइर् कर पाएगी, जबकि ¯सचाइर् के लिए 8 बउ गहरे पानी की आवश्यकता होती है। 9ण् एक किसान अपने खेत में बनी 10 उ व्यास वाली और 2 उ गहरी एक बेलनाकार टंकी को आंतरिक व्यास 20 बउ वाले एक पाइप द्वारा एक नहर से जोड़ता है। यदि पाइप में पानी 3 ाउध्ी की चाल से बह रहा है, तो कितने समय बाद टंकी पूरी भर जाएगी? 13ण्5 शंवुफ का छिन्नक अनुच्छेद 13.2 में, हमने उन वस्तुओं को देखा जो दो आधरभूत ठोसों को मिलाने से बनते हैं। आइए अब इससे वुफछ भ्िान्न करें।हम एक लंब वृत्तीय शंवुफ लेंगे और इसका एक भाग हटा देंगे। ऐसा करने की अनेक विध्ियाँ हैं। परंतु जिस विध्ि में हमारी रुचि है वह यह है कि हम इस शंवुफ के आधर के समांतर एक तलद्वारा इसे काटकर एक छोटा लंब वृत्तीय शंवुफ अलग करें। आपने इस पर अवश्य ही ध्यान दिया होगा कि पानी पीने के लिए प्रयोग आवृफति 13ण्19 किए जाने वाले गिलास, सामान्यतः इसी आकार के होते हैं ;देख्िाए आवृफति 13.19द्ध। ियाकलाप 1 रूवुफछ मिट्टðी या ऐसा ही कोइर् पदाथर् ;जैसे प्लास्िटक, क्ले इत्यादिद्ध लीजिए और एक शंवुफ बनाइए। इसे चावूफ की सहायता से आधर के समांतर काटिए। छोटे शंवुफ को हटा दीजिए। आपके पास क्या बचता है? आपके पास एक ठोस बचता है, जिसे शंवुफ का छिन्नक ;तिनेजनउ व िं बवदमद्धकहते हैं। आप देख सकते हैं कि इसके विभ्िान्न त्रिाज्याओं वाले दो वृत्ताकार सिरे हैं। अतः, जब हम एक दिए हुए शंवुफ को उसके आधर के समांतर किसी तल द्वारा काटते हैं ;देख्िाए आवृफति 13.20द्ध और इस तल के एक ओर बने शंवुफ को हटा देते हैं, तो तल के दूसरी ओर बचे शंवुफ के भाग को शंवुफ का छिन्नक ;तिनेजनउद्ध’ कहते हैं आवृफति 13ण्20 हम शंवुफ के छिन्नक के पृष्ठीय क्षेत्रापफल और आयतन किस प्रकार ज्ञात कर सकते हैं? आइए इसे एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें। ’ श्थ्तनेजनउश् एक लैटिन शब्द है, जिसका अथर् है ‘काटा हुआ टुकड़ा’ और इसका बहुवचन है श्थ्तनेजंश् उदाहरण 12 रू एक शंवुफ के छिन्नक, जो45 बउ ऊँचा है, के सिरों की त्रिाज्याएँ 28 बउ और 7 बउ हैं। इसका आयतन, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल और संपूणर् पृष्ठीय 22 क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। ;π त्र लीजिएद्ध 7 हल रू इस छिन्नक को दो लंब वृत्तीय शंवुफओंव्।ठ और व्ब्क् के अंतर के रूप में देखा जा सकता है ;देख्िाए आवृफति 13.21द्ध। मान लीजिए सेंटीमीटर में शंवुफ व्।ठ की ऊँचाइर्ीहै और तियर्क ऊँचाइर् सहै, 11 अथार्त् व्च् त्र ीऔर व्। त्र व्ठ त्र सहै। मान लीजिए 11 शंवुफ व्ब्क् की सेंटीमीटर में ऊँचाइर् ी2 और तियर्कऊँचाइर् स2 है। हमें त त्र 28 बउए त त्र 7 बउ और छिन्नक की ऊँचाइर्;ीद्ध त्र 45 बउ दिए हुए हैं। 12 साथ ही ी त्र 45 ़ ी;1द्ध 12 सबसे पहले हमें क्रमशः शंवुफओं व्।ठ और व्ब्क् की ऊँचाइयों ी1 और ी2 को निधार्रित करना आवश्यक है। चूँकि त्रिाभुज व्च्ठ और व्फक् समरूप हैं ;क्यों?द्ध, इसलिए हमें प्राप्त है: ी128 4  त्र ;2द्ध ी 1 27 ;1द्ध और ;2द्ध से हमें ी त्र 15 और ी त्र 60 प्राप्त होता है 21 अब, छिन्नक का आयतन त्र शंवुफ व्।ठ का आयतन दृ शंवुफ व्ब्क् का आयतन 122 2122 2 3 3 ;28द्ध ;60द्ध ;7द्ध ;15द्ध बउ 48510 बउ त्र 37 37 शंवुफ व्।ठ तथा शंवुफ व्ब्क् की तियर्क ऊँचाइयाँ क्रमशः सऔर सनीचे दशार्ए 12 अनुसार प्राप्त होती हंै: 16ण्55 बउ ;लगभगद्ध 22 22 स1 त्र ;28द्ध  ;60द्ध  4 ;7द्ध  ;15द्ध  4  16ण्55  66ण्20 बउ इस प्रकार छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र πतस दृ πतस 1122 22 22 त्र ;28द्ध;66ण्20द्ध दृ ;7द्ध;16ण्55द्ध त्र 5461ण्5 बउ2 77 अब, छिन्नक का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल ़ त2 त2  12 22 22 22 2 त्र 5461ण्5 बउ2 ़ ;28द्ध बउ ;7द्ध बउ2 77 त्र 5461ण्5 बउ2 ़ 2464 बउ2 ़ 154 बउ2 त्र 8079ण्5 बउ2 मान लीजिए किसी शंवुफ के छिन्नक की ऊँचाइर् ी है, तियर्क ऊँचाइर् सहै तथा सिरों की त्रिाज्याएँ तऔर त ;त1 झ तद्ध हैं, तो हम इसके आयतन, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल और संपूणर् 122 पृष्ठीय क्षेत्रापफल निम्नलिख्िात सूत्रों का सीध प्रयोग करते हुए ज्ञात कर सकते हैंः ीत  ;पद्ध शंवुफ के छिन्नक का आयतन त्र 31 ;2 त22 तत द्ध 1 12 ;पपद्ध शंवुफ के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र π;त1 ़ तद्ध स 2 जहाँ सत्र ी2;त1 त2द्ध2 ण् ;पपपद्ध शंवुफ के छिन्नक का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र πस;त1 ़ तद्ध ़ πत2 ़ πत2ए 2 12 जहाँसत्र ी2;ततद्ध2 12 इन सूत्रों को त्रिाभुजों की समरूपता की अवधरणा का प्रयोग करके सि( किया जा सकता है, परंतु हम यहाँ इन्हें सि( नहीं करेंगे। आइए इन सूत्रों का प्रयोग करके उदाहरण 12 को हल करें। 1 22 ;पद्ध छिन्नक का आयतन त्र ीत  तत 3 त  1 212 122 22 त्र   45 ;28द्ध ;7द्ध ;28द्ध;7द्ध बउ3  37 त्र 48510 बउ3 2 2 2 2 ;पपद्ध हमें प्राप्त है सत्र ी त1 त2 ;45द्ध ;28  7द्ध बउ त्र 49ण्65 बउ अतः, छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र π;त1 ़ त2द्ध स त्र 22 ;28 7द्ध ;49ण्65द्ध त्र 5461ण्5 बउ2 7 ;पपपद्ध छिन्नक का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र त1  त2  स  त12  त22 22 2222 त्र 5461ण्5 ;28द्ध ;7द्ध बउ2 त्र 8079ण्5 बउ2 77 आइए इन सूत्रों का वुफछ उदाहरणों में प्रयोग करें। उदाहरण 13 रू हनुमप्पा और उसकी पत्नी गंगाम्मा गन्ने के रस से गुड़ बना रहे हैं। उन्होंने गन्ने के रस को गमर् करके राब ;शीराद्ध बना ली है, जिसे शंवुफ के छिन्नक के आकार के साँचों में डाला जाता है, जिनमें से प्रत्येक के दोनों वृत्तीय आवृफति 13ण्22 पफलकों के व्यास क्रमशः 30 बउ और35 बउ हैं तथा साँचे कीऊध्वार्ध्र ऊँचाइर् 14 बउ है ;देख्िाए आवृफति 13.22द्ध। यदि 1 बउ3 राब का द्रव्यमान लगभग 1ण्2 ह है तो प्रत्येक साँचे में भरी जा सकने वाली राब का द्रव्यमान ज्ञात करें। 22 लीजिए 7 हल रू चूँकि साँचा एक शंवुफ के छिन्नक के आकार का है, इसलिए इसमें भरी जा सकने  ीत 22  तत वाली राब का आयतन त्र  त  ए 1 212 3 जहाँ तबड़े आधर की त्रिाज्या है और तछोटे आधर की त्रिाज्या है। 12 1 22 35 2 30 2 35 30 3 14 बउ त्र त्र 11641ण्7 बउ3 37 2222 यह दिया है कि 1 बउ3 राब का द्रव्यमान 1ण्2ह है। अतः प्रत्येक साँचे में भरी जा सकने वाली राब का भार द्रव्यमान त्र ;11641ण्7 × 1ण्2द्ध ह त्र 13970ण्04ह त्र 13ण्97 ाह त्र 14 ाह ;लगभगद्ध उदाहरण 14 रू धतु से बनी एक खुली बाल्टी शंवुफ के एक छिन्नक के आकार की है, जो उसी धतु के बने एक खोखले बेलनाकार आधर पर आरोपित है ;देख्िाए आवृफति 13.23द्ध। इस बाल्टी केदोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 45 बउ और 25 बउ हैं तथा बाल्टी कीवुफल ऊध्वार्ध्र ऊँचाइर्40 बउ और बेलनाकार आधर की ऊँचाइर्6 बउ है। इस बाल्टी को बनाने में प्रयुक्त धतु की चादर का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए जबकि हम बाल्टी वफी मुठिया ;या हत्थेद्ध को इसमें सम्िमलित नहीं कर रहे हैं। साथ ही, उस पानी का आयतन ज्ञात 22 आवृफति 13ण्23 कीजिए जो इस बाल्टी में धरण कर सकता है। लीजिए 7 हल रू बाल्टी की वुफल ऊँचाइर् त्र 40 बउ है, जिसमें आधर की ऊँचाइर् भी सम्िमलित है।इसलिए शंवुफ के छिन्नक की ऊँचाइर् ;40 दृ 6द्ध बउ त्र 34 बउ है। 22 अतः, शंवुफ के छिन्नक की तियर्क ऊँचाइर् स त्र ी ;तत द्ध 12 जहाँ त1 त्र 22ण्5 बउए त2 त्र 12ण्5 बउ और ी त्र 34 बउ अतः स त्र 342 ;22ण्5 12ण्5द्ध 2 बउ 35ण्44 बउ इसमें प्रयुक्त धतु की चादर का क्षेत्रापफल त्र शंवुफ के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल ़ वृत्तीय आधर का क्षेत्रापफल ़ बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल त्र ख्π × 35ण्44 ;22ण्5 ़ 12ण्5द्ध ़ π × ;12ण्5द्ध2 ़ 2π × 12ण्5 × 6, बउ2 22 2 त्र ख्1240ण्4 156ण्25 150, बउ 7 त्र 4860ण्9 बउ2 अब, बाल्टी में आ सकने वाले पानी का आयतन, जिसे बाल्टी की धरिता भी कहते हैं त्र ी ;त2 त 2 तत द्ध 1 212 3 2234 22 त्र ख्;22ण्5द्ध ;12ण्5द्ध 22ण्5 12ण्5, बउ2 73 22 34 त्र 943ण्75 त्र 33615ण्48 बउ3 73 त्र 33ण्62 लीटर ;लगभगद्ध प्रश्नावली 13ण्4 22 ;जब तक अन्यथा न कहा जाए, π त्र7 लीजिए।द्ध 1ण् पानी पीने वाला एक गिलास14 बउऊँचाइर् वाले एक शंवुफ के छिन्नक के आकार का है। दोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 4 बउ और 2 बउ हैं। इस गिलास की धरिता ज्ञात कीजिए। 2ण् एक शंवुफ के छिन्नक की तियर्क ऊँचाइर्4 बउ है तथा इसके वृत्तीय सिरों के परिमाप ;परिध्ियाँद्ध18 बउऔर6 बउ हैं। इस आवृफति 13ण्24 छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 3ण् एक तुकीर् टोपी शंवुफ के एक छिन्नक के आकार की है ;देख्िाए आवृफति 13.24द्ध। यदि इसके खुले सिरे की त्रिाज्या 10 बउ है, ऊपरी सिरे की त्रिाज्या 4 बउ है और टोपी की तियर्क ऊँचाइर् 15 बउ है, तो इसके बनाने में प्रयुक्त पदाथर् का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। 4ण् धतु की चादर से बना और ऊपर से खुला एक बतर्न शंवुफ के एक छिन्नक के आकार का है, जिसकी ऊँचाइर् 16 बउहै तथा निचले और ऊपरी सिरों की त्रिाज्याएँ क्रमशः8 बउ और20 बउ हैं। ृ 20 प्रति लीटर की दर से, इस बतर्न को पूरा भर सकने वाले दूध् का मूल्य ज्ञात कीजिए। साथ ही, इस बतर्न को बनाने के लिए प्रयुक्त धतु की चादर का मूल्य ृ 8 प्रति 100 बउ2 की दर से ज्ञात कीजिए।;π त्र 3ण्14 लीजिए।द्ध 5ण् 20 बउ ऊँचाइर् और शीषर् कोण ;अमतजपबंस ंदहसमद्ध 60° वाले एक शंवुफ को उसकी ऊँचाइर् के बीचोबीच से होकर जाते हुए एक तल से दो भागों में काटा गया है, जबकि तल शंवुफ के आधार के समांतर है। यदि इस प्राप्त शंवुफ के छिन्नक को व्यास 1 बउ वाले एक तार के रूप में बदल 16 दिया जाता है तो तार की लंबाइर् ज्ञात कीजिए। प्रश्नावली 13ण्5 ;ऐच्िछकद्ध’ 1ण् व्यास 3 उउ वाले ताँबे के एक तार को 12 बउ लंबे और 10 बउ व्यास वाले एक बेलन पर इस प्रकार लपेटा जाता है कि वह बेलन के वक्र पृष्ठ को पूणर्तया ढक लेता है। तार की लंबाइर् और द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, यह मानते हुए कि ताँबे का घनत्व 8ण्88 ह प्रतिबउ3 है। 2ण् एक समकोण त्रिाभुज, जिसकी भुजाएँ 3 बउ और4 बउहैं ;कणर् के अतिरिक्तद्ध, को उसके कणर् के परितः घुमाया जाता है। इस प्रकार प्राप्त द्वि - शंवुफ ;कवनइसम बवदमद्ध के आयतन और पृष्ठीय क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। ;π का मान जो भी उपयुक्त लगे, प्रयोग कीजिए।द्ध 3ण् एक टंकी, जिसके आंतरिक मापन150 बउ × 120 बउ × 110 बउ हैं, में 129600 बउ3 पानी है। इसपानी में वुफछ छिद्र वाली ईंटें तब तक डाली जाती हैं, जब तक कि टंकी पूरी ऊपर तक भर न जाए। प्रत्येक ईंट अपने आयतन का 1 पानी सोख लेती है। यदि प्रत्येक ईंट की माप 17 22ण्5 बउ × 7ण्5 बउ × 6ण्5 बउ हैं, तो टंकी में वुफल कितनी ईंटें डाली जा सकती हैं, ताकि उसमें से पानी बाहर न बहे? 4ण् किसी महीने के 15 दिनों में, एक नदी की घाटी में10 बउ वषार् हुइर्। यदि इस घाटी का क्षेत्रापफल 7280 ाउ2 है, तो दशार्इए कि वुफल वषार् लगभग तीन नदियों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य थी, जबकि प्रत्येक नदी1072 ाउ लंबी, 75 उ चैड़ी और 3 उगहरी है। 5ण् टीन की बनी हुइर् एक तेल की वुफप्पी 10 बउ लंबे एक बेलन में एक शंवुफ के छिन्नक को जोड़ने से बनी है। यदि इसकी वुफल ऊँचाइर् 22 बउ है, बेलनाकार भाग का व्यास 8 बउ है और वुफप्पी के ऊपरी सिरे का व्यास 18 बउ है, तो इसके बनाने में लगी टीन की चादर का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए ;देख्िाए आवृफति 13.25द्ध। आवृफति 13ण्25 6ण् शंवुफ के एक छिन्नक के लिए, पूवर् स्पष्ट किए संकेतों का प्रयोग करते हुए, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफल और संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफल के उन सूत्रों को सि( कीजिए, जो अनुच्छेद 13.5 में दिए गए हैं। 7ण् श्ंावुफ के एक छिन्नक के लिए, पूवर् स्पष्ट किए संकेतों का प्रयोग करते हुए, आयतन का वह सूत्रा सि( कीजिए, जो अनुच्छेद 13.5 में दिया गया है। ’ यह प्रश्नावली परीक्षा की दृष्िट से नहीं दी गइर् है। 13ण्6 सारांश इस अध्याय में, आपने निम्नलिख्िात तथ्यों का अध्ययन किया है: 1ण् आधरभूत ठोसों घनाभ, बेलन, शंवुफ और गोले और अध्र्गोले में से किन्हीं दो ठोसों के संयोजन ;को मिलाने सेद्ध से बने ठोसों के पृष्ठीय क्षेत्रापफल निधर्रित करना। 2ण् ठोसों घनाभ, बेलन, शंवुफ, गोले और अध्र्गोले में से किन्हीं दो ठोसों के संयोजन से बने ठोसों के आयतन ज्ञात करना। 3ण् जब किसी शंवुफ को उसके आधर के समांतर किसी तल द्वारा काटकर एक छोटा शंवुफ हटा देते हैं, तो जो ठोस बचता है, वह शंवुफ का एक छिन्नक कहलाता है। 4ण् शंवुफ के छिन्नक से संब( सूत्रा निम्नलिख्िात हैं: 1 22 ीत त तत ;पद्ध शंवुफ के छिन्नक का आयतन त्र  2  1 12 3 ;पपद्ध शंवुफ के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रापफलत्र πस;त़ तद्ध जहाँसत्र ी2 त त2 1 212 2 ;पपपद्ध शंवुफ के छिन्नक का संपूणर् पृष्ठीय क्षेत्रापफलत्र πस;त़ तद्ध ़ π;त2 ़ तद्ध 1 212 उपरोक्त सूत्रों में, ीत्र छिन्नक की ;ऊध्वार्ध्रद्ध ऊँचाइर्, सत्र छिन्नक की तियर्क ऊँचाइर् तथा तऔर तछिन्नक के दोनों वृत्तीय सिरों की त्रिाज्याएँ हैं। 12

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